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राजभाषा कार्यान्वयन की रिर्पोट

सवतंत्र भारत के संविधान के निर्माण के समय एकमत से हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया और १४ सितंबर १९४९ को यह र्निण्य लिया गया कि राजभाषा हिन्दी होगी।

यही कारण है कि प्रतिवर्ष १४ सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

संविधान के अनुच्छेद ३४३ के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी आैर लिपि देवनागरी होगी। संघ् के राजकीय प्रायोजनो के लिये प्रयोग होनेवाले अंकों का अंतर्राष्टीय रूप होगा।

भारत सरकार के राजभाषा कार्यान्वयन के वार्षकि कार्यक्रम के अनुसार कंपनी ने अच्छी प्रगती की है ।

राजभाषा कार्यान्वयन के उल्लेखनीय उपलब्धि से कुछ निम्नलिखित शामिल हैं:
ई-सेवायें - कर्मचारियों की सुविधा:

कर्मचारियों को एक हिन्दी शब्द प्रतिदिन सिखाया जाता है ।

हिन्दी दिवस / सप्ताह, सम्मेलन का संदेश, रिपोर्ट और फोटो आदि नियमित रूप से अप्लोड किया जाता है ।

इंट्रानेट में हिन्दी गृह पत्रिका, ई-पत्रिका के रूप में उपलब्ध है ।

हिन्दी में ई.मेल:

विभिन्न कार्रालरों द्वारा हिन्दी में ई.मेल भेज रहे हैं ।

इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से गैर-जीवन बीमा का प्रचार:

ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में आम जनता के बीच में गैर-जीवन बीमा उत्पाद को लोक प्रिय बनने की दृष्टि से वार्तालाप, भाषण आदि कार्यक्रम आकाशवाणी में आयोजित किया जाने का प्रस्ताव है ।

द्विभाषी प्रकाशन:
  • अ. नागरिक चार्टर हिन्दी व अंग्रेज़ी में द्विभाषी रूप में तथा प्रान्तीय भाषाओं में मुद्रित हैं ।
  • आ. मानव संसाधन विकास विभाग के लिये द्विभाषिक मुद्रण हेतु कार्यनिष्पादन,योजना,विश्लेषण,समीक्षा तथा विचार पुस्तिका तथा क्वालिटि सर्किल पुस्तिका आदि हिन्दी में अनूदित किया गया हैं ।
  • इ. सतर्कता मैनुअल करो और मत करो द्विभाषी रूप में मुद्रित किया गया हैं और समस्त कार्यालयों को परिचालित किया गया हैं ।
  • ई. कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट द्विभाषी है ।
  • उ. कंपनी का कार्पोरेट मोटो द्विभाषी रूप में छपाया गया है ।
  • ऊ. अधिकारियों तथा कर्मचारियों कीे सुविधा हेतु राजभाषा हस्तपुस्तिका का प्रकाशन किया गया है जिसमें राजभाषा अधिनियम तथा नियम के विभिन्न प्रावधान,राजभाषा कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न परिपत्र तथा निर्देशों का संकल्न किया गया है ।
  • ए. एजेंट्स मैनुअल
  • ऐ . पेंशन नियम

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