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यदि पालिसी में आवरित दुर्भाग्य से कोई नुकसान घटित होता है तो हम आपसे अनुरोध करते हैं कि तत्पर सेवा के लिये निम्नानुसार कदम उठायें । 

1.    युनाइटेड इंडिया के पालिसी जारीकर्ता कार्यालय से तुरंत संपर्क करें या यदि दुर्घटना पालिसी जारीकर्ता कार्यालय जहां स्थित है उससे अन्यत्र घटित हुयी है ।  युनाइटेड इंडिया के निकटतम कार्यालय से संपर्क करें जिससे कि सर्वे की व्यवस्था की जा सकें। आपके संदर्भ के लिये, देश भर में स्थित हमारे कार्यालयों के पते, फोन नंबर की सूची कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध है ।  देश भर में  स्थित कार्यालयों की सूची के लिये हमारी वेबसाइट www.uiic.co.in की जांच करें ।

2.    बडी दुर्घटना, अग्नि / दंगा संबंधी नुकसान सहित, यदि मामला है तो वाहन को जब तक स्पॉट सर्वेयर पहुंचकर निरीक्षण नहीं कर ले तब तक दुर्घटना स्थल / स्थान पर ही रखें।        फिर भी यह ध्यान रखें कि वाणिज्यिक वाहनों की दुर्घटना के प्रत्येक मामले में स्पॉट   सर्वे करवाया जाना आवश्यक है ।  त्वरित सेवा के लिये अभिकर्ता / पालिसी      जारीकर्ता कार्यालय के फोन नंबर अवश्य रखें । 

3.    साथ ही यदि कोई तृतीय पक्ष को चोट / मृत्यु घटित होती है तो ऐसी चोट/ मृत्यु या तृतीय पक्ष संपत्ति को नुकसान पहुंचा हो तो मामले के अनुसार पूर्ण जानकारी के साथ निकटतम पुलिस स्टेशन को सूचित करें ।  यदि आपने किसी घायल व्यक्ति/ यों को किसी भी अस्पताल में उपचार उपलब्ध करवाया हो तो अस्पताल और डॉक्टर, जिसने उपचार किया है, का नाम हमें सूचित करें । 

4.    उक्त सभी औपचारिकतायें पूर्ण करने के पश्चात आप वाहन को अपनी इच्छा के अधिकृत वर्कशाप पर ले / टो करके ले जा सकते वहां से अनुमानित नुकसान पत्र प्राप्त कर पूर्ण रूप से भरे हुये दावा प्रपत्र (जो कि हमारे किसी भी निकटतम कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है)  के साथ हमें अंतिम सर्वे व्यवस्था करने हेतु प्रेषित करें ।  आप सर्वेयर को पुलिस में की गई शिकायत की प्रति मूल प्रथम सूचना रिपोर्ट, यदि तत्काल आपके पास उपलब्ध हो तो प्रेषित कर सकते हैं ।  फिर भी ऐसे मामलों में जहां तृतीय पक्ष चोटें हो तो प्रथम सूचना रिपोर्ट किया जाना आवश्यक है एवं हमारे कार्यालय को प्रेषित की जानी चाहिये । 

5.    यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि किसी भी परिस्थिति में जब तक अंतिम सर्वेक्षक द्वारा नुकसान का जायजा नहीं लिया जाता, मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया जाना चाहिये और सर्वेक्षक का संकेत मिलने के बाद ही मरम्मत कार्य किया जाना चाहिए । 

 

6.    जब आंशिक नुकसानी दावे का मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया हो तो आपको स्पेयर पार्टस व मरम्मत के कैश मीमो, बिल, यदि दावा देय है तो पुर्नभुगतान के लिये पेश करने होंगे ।

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